किसी भी चीजो का अनुभव करना संवेदनशीलता कहलाता है और जो रोगी अधिक संवेदनशील होता है उसे छोटी सी चीज भी बहुत बड़ी महसूस होती है ,अधिक संवेदनशीलता होने के कारण रोगी के रोग ग्रस्त स्थान पर हल्का सा छू देने से भी तेज दर्द होता है और छू जाने के डर से भी रोगी काँप उठता है इस तरह हल्का सा छूने से उतपन्न दर्द आदि को ही संवेदनशीलता कहते है |
कभी – कभी संवेदनशीलता गंभीर परेशानी का सबब बन जाती है ,जब हमारा शरीर किसी पदार्थ के प्रति अतिसंवेदनशीलता दर्शाता है तो इसे एलर्जी कहा जाता है और जिस पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया दर्शाई जाती है उसे एलर्जेन कहा जाता है.
इस रोग के कारण रोगी के शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकल आते है और कभी-कभी तो इन दानो के साथ शरीर में खुजली भी मचने लगती है.इस रोग के कारण कभी-कभी रोगी के गाल तथा शरीर की त्वचा शुष्क हो जाती है.
*एलर्जी के कारण शरीर पर होने वाली आम प्रतिक्रियाएं*
अस्थमा (asthma ),राइनाइटिस (नासा शोध ),एक्जिमा (शरीर पर दाग धब्बे निकल जाना ),माइग्रेन (आधे सर का दर्द ),पाचन संबंधी विकार (भोजन पचने में परेशानी ).इसके अलावा इस रोग के कारण व्यक्तियों को अन्य प्रकार की बीमारिया भी हो जाती है जो की ह्रदय रोग,अल्सर ,दमा,एक्जिमा व मधुमेह आदि ,एलर्जी के कारण रोगी एनाफाएजेटिक शॉक में भी जा सकता है और आपात्कालीन स्तिथि निर्माण हो सकती है.
*एलर्जी होने के कारण-*
1- प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार एलर्जी उन लोगो को होती है ,जिनके शरीर में रोगो से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है| इसे (प्रतिरोधक शक्ति) बढ़ाने का सरल उपाय अपने वातावरण प्रकृति के विरुद्ध भोजन व रहन सहन आहार विहार को भूल कर भी न अपनाये
2- यह रोग नशीले पदार्थो के सेवन , हानिकारक पदार्थ का पेट में चले जाना ,पेट में कीड़े होना तथा रसायन युक्त भोजन का सेवन ,सोंदर्य प्रसाधनो ,किसी विशेष प्रकार का भोजन ग्रहण करने के कारण हो सकता है|
3- किसी भी पैथी की औषधियों (खासकर जो रसायनयुक्त हो) का अधिक प्रयोग करने के कारण भी एलर्जी हो सकती है.
4- चीनी का अधिक सेवन करना या इससे बनी मिठाइयों का सेवन करने से भी भविष्य में कभी भी एलर्जी रोग होना तय है.
सिंथेटिक कपडे पहनने तथा अत्यधिक मानसिक तनाव हो जाने के कारण भी एलर्जी रोग हो सकता है.
बीमारी की हालत में अधिक सेक्स करने से भी एलर्जी रोग हो सकता है.
अधिक सोड़े वाला साबुन उपयोग करने से .
कुछ लोगो में एलर्जी का कारण खाद्य पदार्थ होता है -जैसे दूध, दही , मछली , अंडे,गिरीदार फल आदि . (इनका पता चल जाने के बाद इसके दुष्प्रभाव को नस्ट करने वाले घरेलू औषधि युक्त सेवन कर सकते हैं या अल्प मात्रा में सिर्फ स्वाद हेतु ही सेवन करें)
एलर्जी गेहू का आटा या चॉकलेट खाने से भी एलर्जी हो सकती है.
(इनका पता चल जाने के बाद इसके दुष्प्रभाव को नस्ट करने वाले घरेलू औषधि युक्त सेवन कर सकते हैं या अल्प मात्रा में सिर्फ स्वाद हेतु ही सेवन करें)
एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग करना तथा ज्वेलरी आदि से भी एलर्जी हो सकती है.
*स्थानानुसार एलर्जी के लक्षण*
नाक की एलर्जी -नाक में खुजली होना ,छीकें आना ,नाक बहना ,नाक बंद होना या बार बार जुकाम होना आदि lइसके बचाव व रोगमुक्त हेतु नियंमित देशी गाय का घी हल्का गुनगुना कर दो दो बूंद नाक में जरूर डाले या सरसों तेल, या बादाम तेल लगाएं नाक में
आँख की एलर्जी -आखों में लालिमा ,पानी आना ,जलन होना ,खुजली आदि l इसके बचाव व रोगमुक्त हेतु नियंमित देशी गाय का घी हल्का गुनगुना कर दो दो बूंद नाक में व नियंमित जीवन्त सुबह की लार काजल की आँखों मे लगाये , त्रिफला भिगोया युक्त पानी छानकर आँखों को धोये व आँखों मे एक एक बूंद डाले या गौमूत्र छानकर या सफेद प्याज का रस हप्ते में एक दिन जरूर डाले
श्वसन संस्थान की एलर्जी -इसमें खांसी ,साँस लेने में तकलीफ एवं अस्थमा जैसी गंभीर समस्या हो सकती है lइससे बचाव हेतु नियंमित तुलसी या अजवायन या दालचिनी या सौठ तेजपत्ता या कालीमिर्च या लौंग या लहसुन या हल्दी युक्त गुनगुना पानी जरूर पिये
त्वचा की एलर्जी -त्वचा की एलर्जी काफी कॉमन है और बारिश का मौसम त्वचा की एलर्जी के लिए बहुत ज्यादा मुफीद है त्वचा की एलर्जी में त्वचा पर खुजली होना ,दाने निकलना ,एक्जिमा ,पित्ती उछलना आदि होता है l इससे बचाव हेतु चैत्र के माह में नीम के कोमल पत्ते जरूर चबायें , गौमूत्र का , त्रिफला का, हल्दी का धनिया या पुदिना या एलोवेरा का किसी न किसी रूप में जरूर सेवन करेंl
खान पान से एलर्जी -बहुत से लोगों को खाने पीने की चीजों जैसे दूध , अंडे , मछली , चॉकलेट आदि से एलर्जी होती है lइसका सरल उत्तम उपचार भोजन का पचना जरूरी है अगर पच गया तो नुकसान नहीं करेगा इसके लिए हर भोजन के बाद भुनी अजवायन गुड़ घी मिलाकर जरूर खाये
सम्पूर्ण शरीर की एलर्जी -कभी कभी कुछ लोगों में एलर्जी से गंभीर स्तिथि उत्पन्न हो जाती है और सारे शरीर में एक साथ गंभीर लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं ऐसी स्तिथि में तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाना चाहिए l
अंग्रेजी दवाओं से एलर्जी-कई अंग्रेजी दवाएं भी एलर्जी का सबब बन जाती हैं जैसे पेनिसिलिन का इंजेक्शन जिसका रिएक्शन बहुत खतरनाक होता है और मौके पर ही मोत हो जाती है इसके अलावा दर्द की गोलियां,सल्फा ड्रग्स एवं कुछ एंटीबायोटिक दवाएं भी सामान्य से गंभीर एलर्जी के लक्षण उत्पन्न कर सकती हैंl
मधु मक्खी ततैया आदि का काटना –इनसे भी कुछ लोगों में सिर्फ त्वचा की सूजन और दर्द की परेशानी होती है जबकि कुछ लोगों को इमर्जेन्सी में जाना पड़ जाता है l
*एलर्जी से बचाव*
एलर्जी से बचाव ही एलर्जी का सर्वोत्तम इलाज है इसलिए एलर्जी से बचने के लिए इन उपायों का पालन करना चाहिए 1.य़दि आपको एलर्जी है तो सर्वप्रथम ये पता करें की आपको किन किन चीजों से एलर्जी है इसके लिए आप ध्यान से अपने खान पान और रहन सहन को अवलोकन करें l व उसके काट का व शरीर की रोगप्रतिरोधक मजबूत करने का नियंमित प्रयास करें
घर के आस पास गंदगी ना होने दें l
घर में अधिक से अधिक खुली और ताजा हवा आने का मार्ग प्रशस्त करें l
जिन खाद्य पदार्थों से एलर्जी है उन्हें न खाएं l
एकदम गरम से ठन्डे और ठन्डे से गरम वातावरण में ना जाएं l
बाइक चलाते समय मुंह और नाक पर रुमाल बांधे,आँखों पर धूप का अच्छी क़्वालिटी का चश्मा लगायें l
गद्दे, रजाई,तकिये के कवर एवं चद्दर आदि समय समय पर गरम पानी से धोते रहे व धूप में सुखाये |
रजाई ,गद्दे ,कम्बल आदि को समय समय पर धूप दिखाते रहे l
पालतू जानवरों से एलर्जी है तो उन्हें घर में ना रखें l
ज़िन पौधों के पराग कणों से एलर्जी है उनसे दूर रहे l
घर में मकड़ी वगैरह के जाले ना लगने दें समय समय पर साफ सफाई करते रहे l
धूल मिटटी से बचें ,यदि धूल मिटटी भरे वातावरण में काम करना ही पड़ जाये तो फेस हल्का बारीक सूती कपड़े से ढक कर काम करेंl व काम के बाद 25 से 50 ग्राम गुड़ जरूर खाये
एलर्जी रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी को 4-5 दिनों तक निम्बू पानी, नारियल पानी, सब्जियों का रस और फलो के रसो का सेवन करके उपवास रखना चाहिए | इसके बाद एक सप्ताह तक बिना पका हुआ भोजन का सेवन करना चाहिए.
इस रोग से पीड़ित रोगी को कभी भी डिब्बाबंद खाद्य,नमक तथा चीनी का सेवन सेवन नहीं करना चाहिए क्योकि इससे रोग गंभीर हो सकता है.
एलर्जी से पीड़ित रोगी को सोयाबीन दूध में डालकर पीना चाहिए ,इसका प्रतिदिन सेवन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है.
एलर्जी के रोगी व्यक्ति कुछ दिनों तक सुबह खाली पेट नीम के पत्तो को पीसकर पानी में मिलाकर पीना चाहिएl